Karwa Chauth varat 2022 कब है 13 या 14 को ?

Hanuman ji ki aarti |
श्री हनुमान जी की आरती
[ shree hanuman ji ki aarti ]
आरति कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
जाके बल से गिरिवर कांपै।
रोग - दोष जाके निकट न झांपै।।
अंजनी पुत्र महा बलदाई।
सन्तन के प्रेम सदा सहाई।।
दे बीरा रघुनाथ पठाये।
लंका जारि सिया सुधि लाये।।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई।
जात पवनसुत बार न लाई।।
लंक जारि असुर संहारे।
सिया रामजी के काज संवारे।।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।
आनि सजीवन प्रान उबारे।।
पैठि पताल तोरि जम - कारे।
अहिरावन की भुजा उखारे।।
बायें भुजा असुर दल मारे।
दहिने भुजा सन्तजन तारे।।
सुर नर मुनि जन आरती उतारे।
जै जै जै हनुमान उचारे।।
कंचन थार कपूर लौ छाई।
आरती करत अंजना माई।।
जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
॥ इति संपूर्णंम् ॥
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