संदेश

अक्तूबर, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

9th day नवरात्री 2021: महानवमी के दिन होती है माँ सिद्धिदात्री पूजा , कन्या पूजन का बिधान भी नवमी के दीन हि, पढ़ें क्या, है माँ कि पूजा बिधि और कन्या पूजन बिधि

चित्र
  या   देवी सर्वभू‍तेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:। नवरात्री के अंतिम दीन यानी नौवे दीन माँ दुर्गा के नवे स्वरूप माँ  सिद्धिदात्री कि पूजा अर्चना कि जाती है,और इसी दीन होती है कन्या पूजन ।  इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। सृष्टि में कुछ भी उसके लिए अगम्य नहीं रह जाता है। ब्रह्मांड पर पूर्ण विजय प्राप्त करने की सामर्थ्य उसमें आ जाती है।माँ सिद्धिदात्री भक्तों और साधकों को ये सभी सिद्धियाँ प्रदान करने में समर्थ हैं। देवीपुराण के अनुसार भगवान शिव ने इनकी कृपा से ही इन सिद्धियों को प्राप्त किया था। इनकी अनुकम्पा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण वे लोक में 'अर्द्धनारीश्वर' नाम से प्रसिद्ध हुए।आईये जाने क्या है माँ सिद्धिदात्री कि पूजा बिधि और कन्या पूजन बिधि । आठों सिद्धियो कि दाता है माँ सिद्धिदात्री :- मार्कण्डेय पुराण के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व ये आठ सिद्धियां हैं। माँ सिद्धिदात्री भक्तो

8th day navratri 2021 : आज है दुर्गाष्टमी, आज होगी माँ महागौरी कि पूजा, आईये जाने क्या है माँ महागौरी कि पूजा बिधि,मन्त्र और आरती

चित्र
Navratri 8th day 2021 : आज है दुर्गाष्टमी, आज होगी माँ महागौरी कि पूजा, आईये जाने क्या है माँ महागौरी कि पूजा बिधि,मन्त्र और आरती   Durgaastmi Navratri 2021 :- माँ दुर्गाजी की आठवीं स्वरूप का नाम महागौरी है। दुर्गापूजा के आठवें दिन महागौरी की पूजा अर्चना होती है। 13 अक्टूबर को नवरात्रि का आठवां दिन है । मां महागौरी भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं , माँ महागौरी बहुत कृपालु है माँ महागौरी अपने भक्तों पर बहुत कृपा बरसाती है। उनके सारे बिगड़े काम बनती है। आईये जाने दुर्गाष्टमी या महाष्टमी के दिन कैसे करें पूजा । कैसा है माँ महागौरी का स्वरूप ,मंत्र , आरती माँ महागौरी का स्वरूप :- माता का रंग अत्यंत गोरा है, इसलिए इन्हें महागौरी के नाम से पुकारते हैं। मां महागौरी ने कठिन तप कर गौर वर्ण प्राप्त किया था।महागौरी की चार भुजाएँ हैं। इनका वाहन वृषभ है। इनके ऊपर के दाहिने हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल है। ऊपरवाले बाएँ हाथ में डमरू और नीचे के बाएँ हाथ में वर-मुद्रा हैं। इनकी मुद्रा अत्यंत शांत है। मां महागौरी की कथा :- एक कथा अनुसार भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए देवी

navratri 2021 7th day 12 अक्टूबर 2021 को नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि ( kalratri ) की पूजा अर्चना होगी । आईये जानते है माँ कालरात्रि कि पूजा बिधि ,मन्त्र, और आरती

चित्र
        कैसे करें माँ कालरात्रि (Ma kalratri )को खुश   नवरात्रि  की सप्तमी के दिन माँ काली  की पूजा होती है। इनकी पूजा-अर्चना करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है व दुश्मनों का नाश होता है,माना जाता है कि देवी के इस रूप में सभी राक्षस,भूत, प्रेत, पिसाच और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है, उनके बाल बिखरे हुए हैं और गधे को अपनी सवारी बनाती हैं। उनके एक हाथ में खड़ग, एक हाथ में शूल है और दाहिने हाथ अभय और वर मुद्रा में हैं ।जो माँ काली के आगमन से पलायन कर जाते हैं।इसलिए ही मां को कालरात्रि कहा जाता है। मां कालरात्रि के पूजन से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है । आईये जानते है कैसे करें माँ कालरात्रि की पूजा , और क्या है मंत्र ।। माँ कालरात्रि की पूजा बिधि :- माँ कालरात्रि की पूजा में लाल या काली वस्तुओं का विशेष महत्व है। इसलिए उनकी पूजा में चढ़ावा इसी रंग का होना चाहिए। याद रखें देवी काली की उपासना तभी फलीभूत होती है जब उनकी पूजा समस्याओं से निजात के लिए की जाती है। यदि किसी पर समस्या उत्पन्न करने के उद्देश्य से ये पूजा होती है तो वह कभी सफल नहीं होती। देवी काली की पूजा में लाल कुमकुम,

5th day navratri 2021 : नवरात्री के पाँचवे दीन होती है माँ स्कन्दमाता कि पूजा । आईये जानते है क्या है पूजा बिधि, मन्त्र, और आरती

चित्र
Navratri 5th day : आज करें माँ स्कन्दमाता कि पूजा आईये जाने क्या है पूजा बिधि  नवरात्र के पांचवें दिन मां दुर्गा के पंचम स्वरुप मां स्कंदमाता की उपासना की जाती है। स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम दिया गया है। भगवान स्कंद बालरूप में इनकी गोद में विराजित हैं। पंचमी तिथि की अधिष्ठात्री देवी स्कन्द माता हैं। जिन व्यक्तियों को संतान सुख कि प्राप्ती न  हो, वे माता की पूजा-अर्चना तथा मंत्र जप कर संतान सुख कि प्राप्ती सकते हैं ।माँ अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती हैं। स्कंदमाता की पूजा करने से संतान सुख कि होती है प्राप्ती :- मां स्कंदमाता  की पूजा अर्चना बिधि पूर्वक करने से माँ की कृपा से संतान सुख की प्राप्ति होती है । मां की उपासना से अलौकिक तेज की प्राप्ति होती है। माँ  स्कंदमाता  की कथा :-  माँ स्कंदमाता की उपासना से बालरूप स्कंद भगवान की उपासना स्वयं हो जाती है । भगवान स्कंद 'कुमार कार्तिकेय' नाम से भी जाने जाते हैं। ये प्रसिद्ध देवासुर संग्राम में देवताओं के सेनापति बने थे। पुराणों में इन्हें कुमार और शक्ति कहकर इनकी महिमा का वर्णन किया

4th Day navratri 2021 - चौथे दिन होती है माँ कुष्‍मांडा कि पूजा आईये जानते है कैसे करें पूजा अर्चना और आरती

चित्र
  4th Day navratri 2021 - चौथे दिन होती है माँ कुष्‍मांडा कि पूजा आईये जानते है कैसे करें पूजा, विधि मंत्र और आरती   नवरात्र के चौथें दिन दुर्गा जी के चतुर्थ रूप मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है आदिशक्ति दुर्गा के कुष्मांडा रूप में चौथा स्वरूप भक्तों को  सुख प्रदान करने वाला है।   संस्कृत भाषा में कूष्मांड कूम्हडे को कहा जाता है, कूम्हडे की बलि इन्हें प्रिय है, इस कारण से भी इन्हें कूष्‍मांडा के नाम से जाना जाता है। आज के दिन पहले मां का ध्यान मंत्र पढ़कर उनका आहवान किया जाता है और फिर मंत्र पढ़कर उनकी आराधना की जाती है । माँ कूष्‍मांडा तेज की देवी :- माता कूष्‍मांडा तेज की देवी हैं। इन्हीं के तेज और प्रभाव से दसों दिशाओं को प्रकाश मिलता है। कहते हैं क‍ि सारे ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं और प्राणियों में जो तेज है वो देवी कूष्मांडा की देन है। आइए जानते हैं कैसा है मां का यह स्‍वरूप, कैसे करते हैं मां के इस रूप की पूजा । माँ कूष्‍मांडा को प्रसन्न कैसे करें :- कूष्मांडा का मतलब है कि जिन्होंने अपनी मंद (फूलों) सी मुस्कान से सम्पूर्ण ब्रहमाण्ड को अपने गर्भ में उत्पन्न किया। माना जाता है कि

Vaigra - वियाग्रा खाने से पहले जान ले पुरुषो के लिए कितना फायदेमंद है, या कितना है नुकसानदेह : benfit, of vaigra tablets,and how many, harmful

चित्र
  Vaigra ke fayde hindi      आमतौर पर वियाग्रा पिल्स का इस्तेमाल पुरुषों में एरेक्टाइल डिस्फंक्शन या नपुंसकता का इलाज करने के लिए किया जाता है। वियाग्रा ने कई [ couples ]  की सेक्स लाइफ़ बेहतर बनाने में मदद भी की है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि वियाग्रा कैसे काम करता है और इसके इस्तेमाल से क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं। क्या है वियाग्रा वियाग्रा कैसे काम करती है कब और कितना लें वियाग्रा वियाग्रा लेने के नुकसान वियाग्रा के साइड-इफेक्ट किन लोगो को इस्तेमाल करनी चाहिए वियाग्रा किन लोगो को नहीं इस्तेमाल करनी चाहिए वियाग्रा क्या है वियाग्रा :- वियाग्रा एक दवा का नाम है । वियाग्रा नीले रंग की छोटी सी  आकार की एक गोली  है । जिसे शुरू में हाई ब्लड प्रेशर और एनज़ाइना पेक्टोरिस के इलाज के लिए बनाया गया था। पर अब यह दवा इरेक्टाइल डिसफंक्शन की परेशानी को दूर करने इस्तेमाल की जाती है । यह नपुंसकता की परेशानी का इलाज़ करने के लिए काम में ली जाती है । वियाग्रा का इस्तेमाल दुनियाभर में  पुरुषों के द्वारा सबसे अधिक किया जाता है । वियाग्रा कुछ नहीं सिल्डेनाफिल साइट्रेट (Sildenafil Citr

श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करने से घर मे शांति सुख समृद्धि आती है नवरात्री मे रोज़ करें दुर्गा चालीसा का पाठ

चित्र
        शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि या किसी भी अन्य शुभ अवसर पर मां दुर्गा की स्तुति के लिए दुर्गा चालीसा का पाठ करना उत्तम माना गया है। वहीं व्रत करने वाले भक्त रोजाना दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं। मां दुर्गा की पूजा चालीसा के बिना अधूरी मानी जाती है। नवरात्री में दुर्गा चालीसा का पाठ करने से शत्रुओं से मुक्ति, इच्छा पूर्ति सहित अनेक मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। मां दुर्गा उत्पत्ति ही धर्म की रक्षा और संसार से अंधकार मिटाने के लिए हुई । नवरात्रि में दुर्गा चालीसा का पाठ करना बहुत ही शुभ माना जाता है. नवरात्रि में नित्य दुर्गा चालीसा का पाठ करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. नवरात्रि में दुर्गा चालीसा का पाठ सुबह और शाम को आरती के साथ करना चाहिए.  रोजाना दुर्गा चालीसा का पाठ करने से आप के शरीर में सकारात्मक उर्जा का संचार होगा। इसके साथ ही दुश्मनों से निपटने और उन्हें हराने की क्षमता भी विकसित होती है। दुर्गा चालीसा का पाठ करने से आप अपने परिवार को वित्तीय नुकसान, संकट और अलग-अलग प्रकार के दुखों से बचा सकते हैं।   इसके अलावा इससे आप जुनून, निराशा, आशा, वासना और अन्य जैसे भा

माँ दुर्गा जी कि आरती

चित्र
                दुर्गा जी कि आरती  माँ दुर्गा कि आरती करने से मन को शांन्ति मिलती है । और जीवन कि बाधाये दूर होती है। जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को । उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै । रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी । सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी ॥ यह भी पढे :-  नवरात्री मे दुर्गा पूजा का महत्व ॐ जय अम्बे गौरी..॥ कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती । कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती । धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे । मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी । आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों । बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ तुम ही जग की माता

Karela, khane ke fayde -करेला खाने के फायदे, करेला खाने से मधुमेह, और लिवर कि बीमारी और त्वचा रोग से बचा जा सकता है :( Benfit of eating karela )

चित्र
Karela khane ke fayde        Benfit of eating karela  करेला स्वास्थ्य के लिए अमृत है ।भले ही कुछ लोग करेले के नाम से और करेला खाने से चिढते हो लेकिन अगर वह लोग करेले के फायदे के बारे मे जान जाए तो करेला का सेवन ज़रूर शुरू कर देंगे ।करेले में प्रचूर मात्रा में विटामिन A, B और C पाए जाते हैं। इसके अलावा कैरोटीन, बीटाकैरोटीन, लूटीन, आइरन, जिंक, पोटैशियम, मैग्नीशियम और मैगनीज जैसे फ्लावोन्वाइड भी पाए जाते हैं जो सेहत के लिए जरूरी है। करेला इम्यूनिटी बढ़ाता है साथ ही मधुमेह की बीमारी में भी फायदेमंद है। करेला ना सिर्फ पेट के लिए फायदेमंद है बल्कि ये स्किन के रोग में भी फायदेमंद है। करेले में फास्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है जो कफ, कब्ज और पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करता है। अगर भूख नहीं लगती तो करेले का सेवन करें । आइए जानते हैं सेहत के लिए करेले के कौन-कौन से फायदे हैं। • ब्लड शुगर लेबल कम करने मे सहायक. • कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने के गुण . • लिवर को रखता है साफ. • स्किन सम्बन्धित रोगो के लिए है फायदेमंद . • मोटापा कम करता है . • सिरदर्द दूर करता है . • घाव ठीक करता है . • करेले क

45 साल की उम्र मे कैसे रखे खुद को फिट और बीमारियों से दूर

चित्र
45 के उम्र के बाद लाइफ स्टाइल मे क्या बदलाव करें की रहे हरदम स्वस्थ्य  45  साल के उम्र के बाद हमारे शरीर मे बहुत सारे परिवर्तन होने लगते है। जैसे की - पाचन तंत्र का सही तरीके से काम न करना, काम करने की क्षमता कम हो जाना, स्किन का सीकूडना, हड्डियों का कमजोर होना, और भी बहुत सारी परेशानिया होने लगती है । कुछ लोगो को 45,के उम्र मे इसका एहसास होने लगता है और कुछ लोगो को 45-50 के बाद इसका एहसास होता है। इन सभी परेशानियो से सही खान पान और व्यायाम से कुछ हद तक बचा जा सकता है । 45 साल की उम्र के बाद शरीर मे होने वाले बदलाव शरीर की लम्बाई  कम होने लगती है :- 45 साल की उम्र के बाद लंबाई 1 से 3 इंच तक कम हो सकती है. इस उम्र के बाद सेल्स का डीग्रेडेशन तेजी से शुरू हो जाता है. हड्डियों का घनत्व घटने लगता है. इसके साथ ही शरीर में पानी की मात्रा भी कम होने लगती है. इस उम्र के बाद लंबाई हर 10 साल में लगभग 1 सेमी कम हो जाती ह ै. पाचन तंत्र कमज़ोर पड़ने लगता है :- आराम करने पर हमारे शरीर में जो कैलोरी बर्न होती है उसे आरएमआर कहते है. वहीं मेहनत करने पर जो कैलोरी बर्न होती है उसे एनईएटी कहा जाता है