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Omicron variant |
दक्षिण अफ्रीका के गौतेंग प्रांत में प्रिटोरिया और जोहान्सबर्ग सहित नए संस्करण B.1.1.529 के साथ कोविड के मामले बढ़ गए हैं। साउथ अफ्रीकन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा है कि कोविड-19 का ओमीक्रॉन वैरिएंट रोगियों में अपरीचित लक्षण पैदा कर् रहा है ।
जानिए ओमिक्रॉन वेरिएंट ( Omicron variant )के बारे में सबकुछ।
ओमिक्रॉन के लक्षण -
बीबीसी को डॉक्टर एंजेलीके कोएट्जी ने बताया जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले ओमिक्रॉन वैरिएंट की पहचान की है। उन्होंने कहा कि मैंने इसके लक्षण सबसे पहले कम उम्र के एक शख्स में देखे थे जो तकरीबन 30 साल का था।'
बहुत ज्यादा थकान
हल्का सिरदर्द
पूरे शरीर में दर्द
गले में खराश
खांसी
डॉक्टर ने मरीजों के एक छोटे से समूह को देखने के बाद इन लक्षणों को बताया है. आवे वाले समय में अधिकांश लोगों में ऐसे लक्षण नजर आते हैं कि नहीं इस बारे में स्पष्ट दावा नहीं किया जा सकता है।
जानिए ओमिक्रॉन के बारे में सबकुछ -
दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री जो फाहला ने कहा कि यह स्वरूप पिछले कुछ दिनों में संक्रमण के मामलों में हुई 'बेतहाशा वृद्धि के लिए जिम्मेदार है। देश में हाल के हफ्तों में हर दिन करीब 200 नये मामले सामने आने के बाद दक्षिण अफ्रीका में शनिवार को 3,200 से अधिक नये मामले सामने आए। इनमें से अधिकांश गोतेंग में सामने आए। संक्रमण के मामलों में अचानक वृद्धि को समझा पाने में संघर्ष कर रहे वैज्ञानिकों ने वायरस के नमूनों का अध्ययन किया और नये स्वरूप की खोज की। अब, 'क्वाजुलु-नताल रिसर्च इनोवेशन एवं सीक्वेंसिंग प्लेटफॉर्म' की निदेशक तुलिया डी ओलिवेरा के मुताबिक गोतेंग में 90 प्रतिशत से अधिक मामले इसी स्वरूप के हैं।
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कोरोंना के नए वैरिएंट पर क्यों चिंतित हैं वैज्ञानिक -
डेटा का आकलन करने के बाद WHO की तरफ से कहा गया है, 'शुरुआती साक्ष्यों से पता चलता है कि अन्य वैरिएंट की तुलना में इस वेरिएंट में री-इंफेक्शन का खतरा ज्यादा है. इसका मतलब है कि जो लोग COVID-19 से संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं, वो इसकी चपेट में फिर से आसानी से आ सकते हैं. कोरोनावायरस के स्पाइक प्रोटीन में इस वैरिएंट में लगभग 30 म्यूटेशन हैं. इसलिए लोगों में इसके आसानी से फैलने की संभावना है.
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में COVID-19 की जेनेटिक सिक्वेंसिंग का नेतृत्व करने वाले शेरोन पीकॉक ने AP न्यूज को बताया, 'अब तक के आंकड़ों से पता चलता है कि नया वैरिएंट वो म्यूटेशन है जो तेजी से फैलता है. हालांकि, इसके कई म्यूटेशन के बारे में अभी पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं है.' वारविक यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट लॉरेंस यंग का कहना है कि ओमिक्रॉन में वायरस का अब तक का सबसे ज्यादा म्यूटेट वर्जन देखा गया है. इतने सारे म्यूटेशन इससे पहले कभी भी एक ही वायरस में नहीं देखे गए हैं. यही वजह है कि नए वेरिएंट को लेकर वैज्ञानिक चिंतित हैं.
फरवरी में ओमिक्रॉन के मामले चरम पर होंगे
Omicron cases india:आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक मनिंद्र अग्रवाल और आईआईटी हैदराबाद के वैज्ञानिक एम विद्यासागर ने बताया कि फरवरी में ओमिक्रॉन के मामले चरम पर होंगे। दोनों वैज्ञानिकों ने अपने सूत्र मॉडल के अध्ययन के अनुसार बताया कि फरवरी में 1.5 से 1.8 लाख रोजाना मामले आ सकते हैं। लेकिन राहत की बात यह है कि एक महीना के भीतर यह कम भी हो जाएगा। साथ ही अनुमानों से संकेत मिलता है कि अप्रैल तक मामले काफी कम हो जाएंगे और मई तक ये गिरकर वर्तमान स्तर पर पहुंच जाएंगे।
कैसे होगी जांच -
वायरस की जांच को लेकर WHO ने अपने बयान में बताया है कि मौजूदा वक्त में SARS-CoV-2 PCR इस वेरिएंट को पकड़ने में सक्षम है. नए वेरिएंट को देखते हुए भारत के साथ-साथ कई अन्य देश भी सतर्क हो गए हैं. बता दें कि दक्षिण अफ्रीका से आने वाले यात्रियों को क्वारंटाइन में रहना होगा और टेस्ट कराना होगा.
इस से बचने के लिए सावधानी जरूरी -
विशेषज्ञ अब भी कोविड-19 से बचने के लिए वैक्सीनेशन पर जोर दे रहे हैं। उनका कहना है कि नए स्ट्रेन से बचने के लिए सावधानी अब भी जरूरी है। सामाजिक दूरी बनाए रखें। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मासक पहने रहें। भीड़भाड़ वाली सामूहिक जगहों पर अच्छा वेंटिलेशन हो, इसका ध्यान रखें। इसके अलावा नियमित रूप से हाथों और सतहों को धोने की अब भी जरूरत है।
ओमीक्रॉन वेरिएंट का डर दुनियाभर में फैल गया है। विशेषज्ञ टीकाकरण होने के बाद भी इसके लक्षणों को पहचानने और सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।
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